सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan ) के खिलाफ मप्र असेंबली में पहला अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) लाया गया है। स्पीकर गिरीश गौतम (Speaker Girish Gautam) ने इसे मंजूरी दे दी है। 2011 के बाद शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है। ये कांग्रेस लेकर आई है। बुधवार को इस पर चर्चा होगी। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने कहा कि उन्होंने 300 प्वाईंट्स जुटाए हैं। चर्चा के लिए 51 का चयन किया गया है।
गोविंद सिंह का कहना है कि इनमें तमाम मुद्दे शामिल हैं। कानून व्यवस्था का ध्वस्त होना, केंद्र की स्कीमों में गोलमाल, भर्तियों में हेराफेरी के साथ दूसरे मसले में इसमें शामिल हैं। ड्राफ्ट के मुताबिक सरकार को शराब की अवैध बिक्री पर भी विपक्ष के सवालों से गुजरना होगा। महाकाल लोक को लेकर भी कांग्रेस हमलावर है। पार्टी का कहना है कि इसमें बड़े पैमाने पर घपला किया जा रहा है। सरकार को इस मसले पर जवाब देना ही होगा।
दूसरे जो मुद्दे ड्राफ्ट में शामिल हैं, उनमें विपक्ष के नेताओं से सौतेला व्यवहार, आदिवासियों पर अत्याचार के साथ काऊ शेल्टर्स की दयनीय हालत भी शामिल हैं। कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सरकार के मंत्री पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सरकार केवल आत्ममुघता का शिकार है।
पूर्व सीएम कमलनाथ का कहना है कि पिछले 18 माह के दौरान सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। करप्शन चरम पर है। लेकिन सरकार अपनी गलतियों को सुधारने की बजाए कांग्रेस के नेताओं को निशाना बना रही है।
इकॉनोमिक आफेंस विंग का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है। उधर शिवराज सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि वो चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव कमलनाथ के खिलाफ लाना चाहिए थे। उनका कहना था कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने क्रास वोटिंग की। चर्चा इस बात पर कराई जानी चाहिए थी कि ऐसा क्यों हुआ?