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कोटा:- भरतपुर की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) टीम ने गुरुवार रात वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) अजय पाल को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। अजय ने यह रिश्वत अपने कर्मचारी की चार्जशीट माफ करने की एवज में ली थी। मामले में एसीबी ने एक दलाल को भी गिरफ्तार किया है।
एसीबी की यह कार्रवाई तड़के 3 बजे तक चलती रही। अजय को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
कोटा एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि भरतपुर रेलवे स्टेशन पर खानपान निरीक्षक पद पर कार्यरत हेमराज मीणा ने मंगलवार को शिकायत दी थी कि अजय पाल ने उसे 16 मार्च को एक चार्जशीट थमाई थी। इस चार्जशीट का जवाब उसने 28 मार्च को दे दिया था। लेकिन इसके बाद हिंडोन स्टेशन पर कार्यरत एक खानपान वेंडर महेश कुमार शर्मा ने फोन कर उससे कहा कि वह अजय पाल से उसकी चार्जशीट माफ करवा देगा। लेकिन इसके लिए उसे खर्चे-पानी के 20 हजार रुपए देने होंगे। हेमराज इस पर राजी हो गया।
Railway Senior Commercial Manager Ajay Pal arrested red handed taking bribe of 20 thousand, action in Kota DRM office of Bharatpur ACB

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एसीबी को की शिकायत
लेकिन इसके बाद हेमराज ने मामले की शिकायत भरतपुर एसीबी से कर दी। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने अजय पाल को रंगे हाथों पकड़ने का प्लान बनाया। प्लान के मुताबिक हेमराज महेश को लेकर कोटा डीआरएम ऑफिस पहुंचा। यहां शाम करीब 7:30 बजे महेश ने हेमराज से पैसे लेकर ऑफिस में ही अजय पाल को सौंप दिए। महेश के अजय पाल को पैसे देते ही हेमराज ने एसीबी को इशारा कर दिया। इशारा मिलते ही मौके की तलाश में खड़े एसीबी के अधिकारी धड़धड़ते हुए अजय के चेंबर में घुस गए। यहां तलाशी में एसीबी को अजय की टेबल की दराज से रिश्वत के 20 हजार रुपए बरामद हो गए। रकम बरामद होते ही एसीबी ने मौके पर ही अजय पाल और महेश को गिरफ्तार कर लिया।

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तड़के 3 बजे तक चली कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई तड़के करीब 3 बजे तक चलती रही। रात करीब 11:30 बजे तक तो अजय पाल के चेंबर में ही यह कार्रवाई चलती रही। इसके बाद अजय की घर की तलाशी ली गई। घर पर यह कार्यवाही रात करीब 2:30 बजे तक चलती रही।
घर से मिले नोटों के बंडल
तलाशी में एसीबी को अजय पाल के घर से नोटों के कई बंडल मिले हैं। अधिकतर नोट लिफाफों में रखे हुए थे। ऐसे में एसीबी को शक है कि यह राशि भी रिश्वत की हो सकती है। इसके अलावा अजय के घर से सोने-चांदी की ज्वेलरी भी मिली है। कुछ काले बेगू में भी सामान मिला है। इसकी जांच की जा रही है।

एक साल भी नहीं हुआ पद पर लगे
अजय को सीनियर डीसीएम पद पर कार्य करते हुए अभी पूरा एक साल भी नहीं हुआ। गत वर्ष 22 अप्रैल को अजय पाल ने यह पद संभाला था। इससे पहले अजय कोटा में ही वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी पद पर कार्यरत थे। अजय ने सीनियर डीसीएम का पद पहली बार ही संभाला था।
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