अब भी नही सुनी तो होगा आर-पार का आंदोलन, रेल विकास मंच ने दी चेतावनी








सुवासरा(संजय फरक्या):- दो वर्षों से सुवासरा स्टेशन पर ठहरने वाली लगभग 12 जोड़ी यात्री गाड़ियों में से 8 जोड़ी यात्री गाड़ियां बंद है। जिसमें इंदौर- जोधपुर एक्सप्रेस, जयपुर- मुंबई एक्सप्रेस, जयपुर- पुणे एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण रेलगाड़ियां है। ऐसे में लोगो को काफी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। जनप्रतिनिधियों ने लूप लाइन में डाल रखा है या यूं कहें सुवासरा में एक ही सत्ता में राजनीतिक मतभेद होने से सुवासरा गर्त में जा रहा है। लेकिन अबकी बार का आंदोलन आर- पार का होगी।





Suwasra Railway Station<br/>Www.timesofmadhyapradesh.com










जनप्रतिनिधि कर रहे सौतेला व्यवहार-
रेल विकास मंच के कोटा डिवीजन के सुवासरा मंडल अध्यक्ष रामगोपाल सोनी ने कहा है कि रेलवे प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के उपेक्षित रवैया के कारण सुवासरा में ठहराव नहीं हो पा रहे हैं। वहीं सुवासरा- मंदसौर रेल लाइन भी ठंडे बस्ते में है। इस लाइन को भी राशि स्वीकृति का इंतजार है। सुवासरा के साथ जनप्रतिनिधियों ने शुरू से ही सौतेला व्यवहार किया है उसी का परिणाम है कि सुवासरा रेलवे स्टेशन अभी तक विकसित नहीं हो पाया जबकि मंदसौर जिला मुख्यालय का सबसे नजदीक दिल्ली- मुंबई रेल मार्ग का मुख्य स्टेशन सुवासरा है। यह विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय 226 सुवासरा होकर नगर परिषद क्षेत्र भी है।











दो बार नगर बन्द का भी नहीं असर-
सोनी ने कहा है कि विगत दिनों सुवासरा नगर में लगातार सभी सामाजिक धार्मिक राजनीतिक संगठनों ने एवं ग्रामीणों ने रेल मंत्री सांसद रेल महाप्रबंधक व डीआरएम के नाम 18 दिन तक अपनी मांगों के संदर्भ में और पूर्व में रुकने वाली ट्रेनों के ठहराव के लिए सतत ज्ञापन अभियान चलाया एवं सुवासरा को 1 वर्ष में ट्रेनों के ठहराव के मद्देनजर दो बार पूरी तरह बंद रखकर नगरवासियों ने अपना विरोध दर्ज कराया। मगर अभी तक जनप्रतिनिधियों को कोई असर नहीं हुआ। सिर्फ राजनीतिक शह मात के खेल में सुवासरा नगर एवं क्षेत्रवासी परेशान हो रहे हैं। सोनी ने कहा कि सुवासरा को सभी सुविधाएं जो पूर्व में मिलती थी वह अगर बहाल नहीं होती है तो फिर से आंदोलन किया जाएगा। इस बार का आंदोलन आर या पार का होगा। वही आपदा प्रबंध समिति के संरक्षक भगवतीलाल टेलर ने भी ट्रेनों के ठहराव एवं मंदसौर- सुवासरा रेल लाइन के लिए राशि स्वीकृत के लिए जनप्रतिनिधियों से निवेदन किया है, अगर शीघ्र नगर व क्षेत्र की मांग नहीं मानी जाती है तो फिर से आंदोलन किया जाएगा।





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