कोरोना काल में जब पूरी शिक्षा व्यवस्था बेपटरी है ऐसे में सरकार की कोशिश सभी को डिजिटल या फिर ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा से जुड़े रखने की है यही वजह है कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में इस दिशा में बड़ी पहल की है। जिसमें एक डिजिटल यूनिवर्सिटी खोलने का ऐलान किया गया है। जो विश्वस्तरीय गुणवत्ता के साथ सभी को घर बैठे पढ़ाई का विकल्प मुहैया कराएगी।

हालांकि यह सोच कोरोना संक्रमण को देखते हुए तात्कालिक राहत पहुंचाने की सरकार की कोशिशों के साथ दूरदृष्टि सोच को भी आगे बढ़ाने वाली है। जिसमें वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा के ग्रास इनरोलमेंट रेशों को 50% पहुंचाने के नए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य को भी हासिल करना है। खास बात यह है इस डिजिटल यूनिवर्सिटी से देश के किसी कोने से जुड़ कर पढ़ाई को आगे बढ़ाया जा सकता है।
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सरकार ने कोरोनावायरस के चलते स्कूलों के बंद होने से शिक्षा से वंचित बच्चों का भी पूरा ख्याल रखा है। वन क्लास वन चैनल की सोच को आगे बढ़ाते हुए 12 की जगह अब 200 टीवी चैनल शुरू करने का ऐलान किया है। चैनल सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में मुहैया होंगे।
कक्षा एक से बारहवीं तक के लिए एक एक फोकस चैनल होंगे। कोरोना की दस्तक के बाद सरकार ने पीएमटी विद्या के तहत प्रत्येक कक्षा के लिए एक चैनल की शुरुआत की थी। शिक्षकों को इस दिशा में बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर भी जोर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में विज्ञान और गणित से जुड़े 750 वर्चुअल लैब स्थापित होंगे।