नए साल में शिवराज सरकार का आम लोगों को तोहफा बिजली के बिल हुए महंगे आम आदमी में पड़ेगा आर्थिक बोझ


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भोपाल
मध्यप्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को नए साल की महंगी बिजली का झटका मिला है। एक जनवरी से उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 7 पर से अधिक भुगतान करना होगा।






बिजली कंपनियों की याचिका पर मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम तिमाही के लिए फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट एफसीए बढ़ाने का आदेश जारी किया है।
1 जनवरी से 30 मार्च 2022 तक यह दर प्रभावी रहेगा बिजली कंपनी ने इससे पहले 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर की तिमाही में तेरा पैसा एफसीए बढ़ाया था।





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एफसीए बिजली कंपनी ईंधन या कोयले की अलग-अलग कीमत के आधार पर बिल में लागू होने वाली राशि होती है। कोयला या ईंधन की कीमत कोयले की मांग और आपूर्ति के आधार पर हर महीने बदलती है। इससे बिजली उत्पादन की लागत भी बदल जाती है। बिजली उत्पादन कंपनियां इस लागत को वितरण कंपनियों पर लगाती है जो इसे उपभोक्ताओं पर लगा देती है।





नियामक आयोग हर 3 महीने में इसकी समीक्षा करता है। आयोग ने 30 दिसंबर को एफसीए चार्ज 7 पैसे प्रति यूनिट वसूलने के आदेश जारी किया है।





एफसीए चार्ज घटा कर दी गई थी राहत





दोनों में जून में जीरो पॉइंट 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। यह बदलाव फिक्स चार्ज में ₹3 से ₹20 की बढ़ोतरी कर दी गई थी। कोविड-19 बाद बढ़ोतरी का विरोध ना हो इस कारण तब एफसीए चार्ज को - 20 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया था। मतलब 20 पैसे कि उपभोक्ताओं को छूट दी गई थी।






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